विद्यार्थी और अनुशासन पर हिन्दी अनुच्छेद लेखन paragraph on vidyarthi aur anushasan in hindi . (हिन्दी व्याकरण )

 अनुच्छेद -लेखन Paragraph  Writing

 


 अनुच्छेद लेखन का अर्थ है किसी दिए गए विषय पर लगभग 100 से 125 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखना| अनुच्छेद किसी निबंध का सार न होकर अपने- आप में पूर्ण होता है| इसमें भूमिका लिखने की आवश्यकता नहीं होती और ना ही निष्कर्ष लिखना होता है| अनुच्छेद लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • 1.      दिए गए विषय पर ही पूरा अनुच्छेद केंद्रित होना चाहिए|
  • 2.       इसमें अनावश्यक बातें या प्रसंग नहीं लिखने चाहिए|
  • 3.       अनुच्छेद के वाक्य एक- दूसरे से जुड़े हुए होने चाहिए|
  • 4.       इसमें लंबे उदाहरणों, आलंकारिक शब्दों इत्यादि का प्रयोग नहीं होना चाहिए|
  • 5.       यदि शब्द- सीमा दी गई हो तो उसका ध्यान रखना चाहिए|
  • 6.       भाषा में सरलता एवं प्रवाह होना चाहिए|
  • 7.       वाक्य छोटे- छोटे होने चाहिए| उचित विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाना चाहिए|
  • 8.       किसी भी बिंदु के पक्ष तथा विपक्ष में अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए| 9. सीमित शब्दों में प्रभावशाली ढंग से अपने विचार प्रस्तुत करने चाहिए|
  • 9.       अनुच्छेद की भाषा सरल सुगम तथा व्यवहारिक होनी चाहिए|
  • 10.    अंतिम बात यह ध्यान में रखनी चाहिए कि गलती से भी निबंध की भांति अनुच्छेद (पैरा) मत बदले ऐसा करते ही तकनीकी गलती के कारण आप अंक प्राप्ति का हक खो बैठते हैं| अतः जो भी लिखें, मात्र एक अनुच्छेद (पैराग्राफ) में ही लिखें|

  • विद्यार्थी और अनुशासन संकेत बिंदु -
  • *अनुशासन का अर्थ और महत्व 
  • *विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व 
  • *अनुशासनहीनता के परिणाम 
  • *निष्कर्ष 

  • विद्यार्थी और अनुशासन -अनुच्छेद 

अनुशासन का अर्थ नियमों का पालन करना है| जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन बहुत ज़रूरी है| जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता होती है| छात्र जीवन में अनुशासन बहुत आवश्यक है| अनुशासन में रहकर साधारण से साधारण बच्चा भी परिश्रमी, बुद्धिमान और योग्य बन सकता है| समय का मूल्य भी उसे अनुशासन में रहकर समज में आता है क्योंकि अनुशासन में रहकर वह समय पर अपने हर कार्य को करना सीख जाता है| अनुशासनहीनता बच्चों को आलसी, कामचोर और कमज़ोर बना देती हैं| जिस प्रकार शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए व्यायाम ज़रूरी है उसी प्रकार अपने व्यवहार को अनुशासित करने के लिए बड़ों का कहना मानना, उनका सम्मान करना और समाज के बनाए हुए नियमों का पालन करना ज़रूरी है| अनुशासित विद्यार्थी न केवल पढ़ाई में बल्कि खेलकूद और जीवन की हर दौड़ में अव्वल रहता है| अनुशासनप्रिय छात्र अपने जीवन के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेता है| हमें चाहिए कि अनुशासन में रहकर अपने जीवन को सुखी एवं सुंदर बनाए|

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